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सीएम धामी ने UCC पोर्टल और नियमावली का किया लोकार्पण, उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य

सीएम धामी ने UCC पोर्टल और नियमावली का किया लोकार्पण, उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य

सीएम धामी ने UCC पोर्टल और नियमावली का किया लोकार्पण

उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है

दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की हुई शुरुआत

करीब ढाई साल तक सरकार ने इसपर होमवर्क किया

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा मौजूद

UCC नियमावली समिति अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह सहित सभी सदस्य मौजूद

इस दौरान मुख्य सचिव भी मौजूद

राज्यसभा सांसद और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भी कार्यक्रम में पहुंचे

ITDA द्वारा पंजीकरण को आसान बनाने के लिए पोर्टल विकसित किया गया है

लगातार जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है


CSE के साथ साझेदारी की गई है, जिससे नागरिकों को उनके द्वारा पर जाकर ही सुविधा मिले सके

सरकारी विभागों को निर्देशित किया गया सभी कर्मचारियों का पंजीकरण सुनिश्चित करें

स्वतंत्र भारत का पहला प्रदेश उत्तराखंड बन गया है, इस कानून को लागू किया गया है

अन्य राज्यों के लिए उत्तराखंड मार्गदर्शन बन गया है

27 मई 2022 को UCC के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया

2 फरवरी 2024 को करीब 2 साल बाद इस समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी

8 मार्च 2024 को विधानसभा में विधेयक पारित किया गया

जिसके बाद राष्ट्रपति को अनुमोदन के लिए भेज दिया गया

अनुच्छेद 44 में संविधान के निर्माताओं ने इसका जिक्र किया है

जिसका पूरा श्रेय आज मुख्यमंत्री को जाता है- नियमावली समिति अध्यक्ष

यूसीसी नियमावली हाईलाइट

 अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर, सम्पूर्ण उत्तराखंड राज्य, साथ ही राज्य से बाहर रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों पर लागू।


गढ़वाल प्रतिष्ठा देहरादून। प्राधिकार – यूसीसी लागू करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम रजिस्ट्रार और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सब रजिस्ट्रार होंगे। जबकि नगर पंचायत – नगर पालिकाओं में संबंधित एसडीएम रजिस्ट्रार और कार्यकारी अधिकारी सब रजिस्ट्रार होंगे।
इसी तरह नगर निगम क्षेत्र में नगर आयुक्त रजिस्ट्रार और कर निरीक्षक सब रजिस्ट्रार होंगे। छावनी क्षेत्र में संबंधित CEO रजिस्ट्रार और रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर या सीईओ द्वारा अधिकृत अधिकारी सब रजिस्ट्रार होंगे। इन सबके उपर रजिस्ट्रार जनरल होंगे, जो सचिव स्तर के अधिकारी एवं इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन होंगे।


रजिस्ट्रार जनरल के कर्तव्य
– यदि रजिस्ट्रार तय समय में कार्रवाई नहीं कर पाते हैं तो मामला ऑटो फारवर्ड से रजिस्ट्रार जनरल के पास जाएगा। इसी तरह रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार के आदेश के खिलाफ रजिस्ट्रार जनरल के पास अपील की जा सकेगी, जो 60 दिन के भीतर अपील का निपटारा कर आदेश जारी करेंगे।

रजिस्ट्रार के कर्तव्य
सब रजिस्ट्रार के आदेश के खिलाफ अपील पर 60 दिन में फैसला करना। लिव इन नियमों का उल्लंघन या विवाह कानूनों का उल्लंघन करने वालों की सूचना पुलिस को देंगे।

सब रजिस्ट्रार के कर्तव्य
सामान्य तौर पर 15 दिन और तत्काल में तीन दिन के भीतर सभी दस्तावेजों और सूचना की जांच, आवेदन से स्पष्टीकरण मांगते हुए निर्णय लेना
समय पर आवेदन न देने या नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाने के साथ ही पुलिस को सूचना देना, साथ ही विवाह जानकारी सत्यापित नहीं होने पर इसकी सूचना माता- पिता या अभिभावकों को देना।


विवाह पंजीकरण
26 मार्च 2010, से संहिता लागू होने की तिथि बीच हुए विवाह का पंजीकरण अगले छह महीने में करवाना होगा

संहिता लागू होने के बाद होने वाले विवाह का पंजीकरण विवाह तिथि से 60 दिन के भीतर कराना होगा

आवेदकों के अधिकार
यदि सब रजिस्ट्रार- रजिस्ट्रार समय पर कार्रवाई नहीं करता है तो ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है।

सब रजिस्ट्रार के अस्वीकृति आदेश के खिलाफ 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रार के पास अपील की जा सकती है।

रजिस्ट्रार के अस्वीकृति आदेश के खिलाफ 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रार जनरल के पास अपील की जा सकती है।

अपीलें ऑनलाइन पोर्टल या ऐप के माध्यम से दायर हो सकेंगी।


(लिव इन)
संहिता लागू होने से पहले से स्थापित लिव इन रिलेशनशिप का, संहिता लागू होने की तिथि से एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा। जबकि संहिता लागू होने के बाद स्थापित लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण, लिवइन रिलेशनशिप में प्रवेश की तिथि से एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा।

लिव इन समाप्ति – एक या दोनों साथी ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से लिव इन समाप्त करने कर सकते हैं। यदि एक ही साथी आवेदन करता है तो रजिस्ट्रार दूसरे की पुष्टि के आधार पर ही इसे स्वीकार करेगा।

यदि लिव इन से महिला गर्भवती हो जाती है तो रजिस्ट्रार को अनिवार्य तौर पर सूचना देनी होगी। बच्चे के जन्म के 30 दिन के भीतर इसे अपडेट करना होगा।


विवाह विच्छेद –
तलाक या विवाह शून्यता के लिए आवेदन करते समय, विवाह पंजीकरण, तलाक या विवाह शून्यता की डिक्री का विवरण अदालत केस नंबर, अंतिम आदेश की तिथि, बच्चों का विवरण कोर्ट के अंतिम आदेश की कॉपी।

वसीयत आधारित उत्तराधिकार
वसीयत तीन तरह से हो सकेगी। पोर्टल पर फॉर्म भर के, हस्तलिखित या टाइप वसीयड अपलोड करके या तीन मिनट की विडियो में वसीयत बनाकर अपलोड करने के जरिए।


यूसीसी की यात्रा
27 मई 2022 – यूसीसी पर विशेषज्ञ समिति का गठन

02 फरवरी 2024 – यूसीसी पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत

08 फरवरी 2024 – राज्य विधानसभा द्वारा अधिनियम अनुमोदित

08 मार्च 2024 – भारत के राष्ट्रपति द्वारा अधिनियम अनुमोदित

12 मार्च 2024 – यूसीसी उत्तराखंड अधिनियम 2024 जारी

18 अक्टूबर 2024 – यूसीसी नियमावली प्रस्तुत

27 जनवरी 2025 – यूसीसी लागू


यूसीसी के क्रियान्वयन की कार्ययोजना

– ऑनलाइन आवेदन के लिए पोर्टल (ucc.uk.gov.in) विकसित

– कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) Training Partner के रूप में नामित

– क्रियान्वयन व प्रशिक्षण के लिए जिलों में नोडल अधिकारी नामित

– सहायता और तकनीकी परामर्श के लिए हेल्पडेस्क (1800-180-2525) स्थापित

– विधिक प्रश्नों के समाधान के लिए जिला स्तरीय अधिकारी नियुक्त

– नागरिक जागरूकता और अधिकारियों की सुविधा के लिए

उत्तराखंड मे यूसीसी हुआ लागू

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया  यूसीसी पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण

मुख्य सेवक सदन में UCC समरसता और समानता के नये-युग का शुभारम्भ कार्यक्रम किया गया हैं आयोजन

मुख्यमंत्री ने द्वीप प्रज्वलित कर किया कार्यक्रम का शुभारम्भ

12 फरवरी 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोबारा सत्ता में आने पर यूसीसी लागू करने की थी घोषणा

27 मई 2022 को जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में यूसीसी का प्रारूप तय करने के लिए कमेटी का किया था गठन

02 फरवरी 2024 को जस्टिस रंजना देसाई कमेटी ने सरकार को यूसीसी का सौंपा था प्रारूप

06 फरवरी 2024 को यूसीसी विधेयक विधानसभा सत्र में पेश, सात फरवरी को विधेयक सदन से सर्वसम्मति से हुआ था पारित

12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने उत्तराखंड के यूसीसी विधेयक पर  लगाई थी मुहर

18 अक्तूबर 2024 को यूसीसी नियमावली और क्रियान्वयन समिति ने नियमावली ने सरकार को सौंपा था नियमावली का ड्राफ्ट

20 जनवरी 2025 को कैबिनेट ने नियमावली को दी थी मंजूरी

यूसीसी की यात्रा
27 मई 2022 – यूसीसी पर विशेषज्ञ समिति का गठन

02 फरवरी 2024 – यूसीसी पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत

08 फरवरी 2024 – राज्य विधानसभा द्वारा अधिनियम अनुमोदित

08 मार्च 2024 – भारत के राष्ट्रपति द्वारा अधिनियम अनुमोदित

12 मार्च 2024 – यूसीसी उत्तराखंड अधिनियम 2024 जारी

18 अक्टूबर 2024 – यूसीसी नियमावली प्रस्तुत

27 जनवरी 2025 – यूसीसी लागू


यूसीसी के क्रियान्वयन की कार्ययोजना

– ऑनलाइन आवेदन के लिए पोर्टल (ucc.uk.gov.in) विकसित

– कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) Training Partner के रूप में नामित

– क्रियान्वयन व प्रशिक्षण के लिए जिलों में नोडल अधिकारी नामित

– सहायता और तकनीकी परामर्श के लिए हेल्पडेस्क (1800-180-2525) स्थापित

– विधिक प्रश्नों के समाधान के लिए जिला स्तरीय अधिकारी नियुक्त

– नागरिक जागरूकता और अधिकारियों की सुविधा के लिए Short Video एवं Booklets

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